फाजिल्का में ई रिक्शा के सफल प्रयोग के बाद किया गया रजिस्ट्रेशन
अमृत सचदेवा, फाजिल्का : फोन काल पर , ऑन लाइन या एंड्रायड जैसी एडवांस एप्लीकेशन पर रिक्शा बुलाने की सुविधा.. यह तो पहले ही हो चुका। ये बदलते जमाने के रिक्शा वाले हैं,इसलिए जमाने के मुताबिक इनका जीवन स्तर भी होगा। आनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा और हर रिक्शा वाला होगा रिक्शा मालिक। यह सब कुछ फ्रांस या किसी अन्य विकसित देश नहीं बल्कि फाजिल्का में हो रहा है। फाजिल्का ..पंजाब में पाकिस्तान की सीमा के साथ सटा जिला है।
फाजिल्का की हाइटेक हो चुकी रिक्शा सर्विस ने एक बार फिर से पूरे पंजाब में बाजी मारी है। अब नगर परिषद द्वारा रिक्शा चालकों को पंजीकृत करने की उपलब्धि यहां के रिक्शा चालकों के नाम जुड़ गई है। रिक्शा चालकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने और उन्हें विशेष पहचान प्रदान करने के लिए उन्हें नगर परिषद अपने साथ पंजीकृत कर रही है। यह सब संभव हो पाया है ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रयासों से तैयार किए गए विशेष साफ्टवेयर से। इस कार्य में ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन ने सहयोग देते हुए नगर परिषद को फाजिल्का इको कैब वेलफेयर सोसायटी से संबंधित रिक्शा चालकों का पूरा डाटा हार्ड कापी व साफ्टवेयर डवलप करके दिया है। इस साफ्टवेयर को रिक्शा चालकों की संख्या व स्थिति के अनुसार अपडेट भी किया जाएगा।
चालक नहीं रिक्शा मालिक कहलाएंगे सभी : नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी व एसोसिएशन के सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि 250 के करीब रिक्शा चालक पंजीकृत किए गए हैं। साफ्टवेयर में रिक्शा चालका का नाम पता, फोन नंबर, मकान कच्चा है या पक्का, किरायेदार है या मालिक, शहरी है या ग्रामीण, अविवाहित हैं या विवाहित, उस पर कितने लोग निर्भर हैं संबंधी सारा डाटा प्रति रिक्शा चालक के अनुसार फीड है। 71 प्रतिशत खुद रिक्शा मालिक हैं, जबकि 25 प्रतिशत किराये पर रिक्शा लेकर चलाते हैं। परिषद ने किराये पर रिक्शा चलाने वालों को खुद का रिक्शा दिलाने का लक्ष्य रखा है।
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