चंडीगढ़. नवदीप असीजा और उनकी टीम ने शुक्रवार को ऑनलाइन पोर्टल chandigarh.ecocabs.org शुरू किया। इस पर क्लिक करने से आपको शहर और आपके खुद के सेक्टर के रिक्शा वालों का डाटा बेस मिलेगा। इस डाटा बेस में रिक्शा वाले की डिटेल्स मोबाइल नंबर्स के साथ उपलब्ध रहेगी।
नवदीप ने बताया कि वेबसाइट में कम्युनिटी का योगदान रहेगा। यह पोर्टल विकिपीडिया की तरह काम करेगा। इसमें कोई भी अपने सेक्टर के रिक्शा वाले की डिटेल्स अपने फेसबुक अकाउंट से अपलोड कर सकता है। एक-दो दिन में आप अपने एंड्रॉयड फोन से चंडीगढ़ इको कैब्स एप्लिकेशन डाउनलोड करके इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
शहर में इस समय 25 हजार रिक्शा हैं और एक दिन में औसतन 20 लोग एक रिक्शे पर सवारी करते हैं। आज 6 में से 5 लोगों के पास मोबाइल हैं, इसलिए इस सुविधा का लाभ ज्यादा से ज्यादा शहरवासी उठा सकते हैं। नवदीप आईआईटी दिल्ली से पास आउट हैं और इस समय पंजाब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ज्यूरी के काउंसिल मेंबर और टेक्निकल एडवाइजर हैं।
टीम के दूसरे सदस्यों में अशोक फेलिक्स, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट अर्जुन शिओरान और हरीश के अलावा कंप्यूटर इंजीनियर फोर्थ ईयर स्टूडेंट गौतम चौधरी शामिल हैं। नवदीप ने साल 2008 में फाजिल्का में इस कंसेप्ट को शुरू किया जो अब तक मुकम्मल है।
इसकी कामयाबी और गुणवत्ता को देखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट ने 2011 में नवदीप को नेशनल अवॉर्ड दिया। इसके बाद 2010 में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मुकुल मुदगल ने सुओ-मोटो नोटिस लिया कि इसे शहर में भी लागू करना चाहिए। इसके बाद चंडीगढ़ के रिक्शा स्टैंड्स को नोटिस किया गया और अब नवदीप से इसे अंजाम तक पहुंचाया।