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ट्रिंग-ट्रिंग, एक रिक्शा भेज दो

Posted on 18th June 2008 in Dainik Jagran
Dainik Jagran, 18th June, 2008 (Front Page), Ludhiana, Patiala, Bathinda Edition

अमृत सचदेवा
फाजिल्का : मोबाइल सेवाओं, बैंकों, रेलवे इत्यादि के कॉल सेंटरों के बाद अब यदि कोई आपसे कहे कि रिक्शा बुलाने के लिए कॉल सेंटर शुरू किया जा रहा है, तो बड़ा आश्चर्य होगा। शायद आप उसकी बात को पहले-पहल मानेंगे भी नहीं, लेकिन यह सच है। ग्लोबल वार्मिग कम करने के क्षेत्र में पहले ही नाम कमा चुका फिरोजपुर जिले का फाजिल्का शहर अब रिक्शा बुलाने के लिए कॉल सेंटर खोलने वाला देश का पहला शहर बनने जा रहा है। इस कॉल सेंटर से दुपहिया व चौपहिया वाहनों में ईधन की खपत से फैलने वाली ग्लोबल वार्मिग को कम करने में मदद मिलेगी। रिक्शा कॉल सेंटर की शुरुआत दो दिन बाद 20 जून से की जा रही है। ग्लोबल वार्मिग इस समय पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। दुनिया के हर देश द्वारा लाख प्रयासों के बावजूद ग्लोबल वार्मिग कम करने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। पर फाजिल्का की ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन एक ऐसी संस्था है, जो सौ देशों की सदस्यता वाले चेक गणराज्य के कार फ्री नेटवर्क के साथ जुड़कर ग्लोबल वार्मिग कम करने में नित नया प्रयास कर रही है। पहले एसोसिएशन के सदस्यों के प्रयासों से शहर के उच्च व मध्यवर्गीय लोगों ने कार पर चलना छोड़कर व साइकिल अपनाकर ग्लोबल वार्मिग कम करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाया था। नतीजतन व‌र्ल्ड कार फ्री नेटवर्क ने फाजिल्का को दुनिया का सबसे कम कारों के प्रयोग वाला शहर घोषित कर ग्लोबल वार्मिग कम करने में सहयोगी बताया था। अब एसोसिएशन के संरक्षक आईआईटी, रूढ़की के प्रो. भूपिंदर सिंह व युवा इंजीनियर नवदीप असीजा के प्रयासों से फाजिल्का में रिक्शा बुलाने के लिए पांच कॉल सेंटर शुरू किए जा रहे हैं। असीजा ने बताया कि फाजिल्का में करीब 500 लोग रिक्शा चलाते हैं, लेकिन हर घर में दुपहिया व चौपहिया वाहन की लालसा के चलते रिक्शा चालकों का काम बहुत कम हो गया है। शहर में किसी काम से निकलने वाले व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा तीन किलोमीटर दूर जाना होता है। अब तक रिक्शा आसानी से और वाजिब किराए पर उपलब्ध न होने के चलते लोग दुपहिया वाहन या कार से कहीं आने-जाने में रोजाना 900 लीटर पेट्रोल खपा देते हैं। इस प्रकार पेट्रोल जलने से प्रतिदिन 14 हजार किलो शुद्ध हवा खराब होती है, जो ग्लोबल वार्मिग का कारण बनती है। असीजा के अनुसार, रिक्शा कॉल सर्विस 20 जून शाम छह बजे लांच होगी। फाजिल्का में रिक्शा सर्विस को इस तरह से तैयार किया गया है, जैसे दिल्ली में दो-दो मिनट बाद मेट्रो ट्रेन की सर्विस मिलती है। इसी तह फाजिल्का में एक कॉल करने पर दो मिनट के भीतर रिक्शा घर के बाहर तैयार खड़ा मिलेगा। यह सुविधा लागू करने के लिए फाजिल्का को पांच जोन उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी व मध्य में बांटा गया है। हर जोन पर एक फोन उपलब्ध करवाया गया है, जिसे अटेंड करने के बाद ऑपरेटर ज्यादा से ज्यादा आधा किलोमीटर दूर से रिक्शा बुलाने वाले के पास दो मिनट के भीतर रिक्शा भेज देगा। मोटे तौर पर हर 1500 घरों के लिए एक रिक्शा सेंटर उपलब्ध होगा। यह सुविधा मिलने से महिलाओं, खासकर बुजुर्गो को कहीं काम पर आने-जाने में एक लोकल कॉल पर सामान्य किराये पर रिक्शा उपलब्ध हो जाएगा। इस योजना में फाजिल्का रिक्शा यूनियन को साथ लिया गया है।

http://navdeepasija.blogspot.com/2008/06/blog-post_24.html

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