अमृत सचदेवा, फाजिल्का
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश के छोटे से सीमावर्ती शहर फाजिल्का में किया गया एक तजुर्बा माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को इतना भाया है कि उसे अमृतसर में लागू करवाने के बाद अब लुधियाना व पटियाला में लागू करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
माननीय उच्च न्यायालय ने सु मोटो एक्शन के तहत फाजिल्का में शुरू किए गए ईको कैब का मॉडल अब पूरे पंजाब में अपनाने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि फाजिल्का में परंपरागत रिक्शा जोकि करीब 90 किलोग्राम का होता है, की जगह मेटल और फाइबर बॉडी वाला 60 किलो वजनी रिक्शा दो साल पहले लांच किया गया था। इसका उद्देश्य रिक्शा चालकों को स्वस्थ बनाए रखना और लोगों को दुपहिया, तिपहिया और कार जैसे वाहनों में ईधन जलाकर वातावरण प्रदूषित करने से रोकना था। यह रिक्शा समाजसेवी संगठन ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव नवदीप असीजा ने तैयार करवाया था। इस बारे में छपे समाचारों का संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने गुरु नगरी अमृतसर के रिक्शा चालकों के लिए रिक्शा का यह मॉडल लागू करने के लिए कहा था। इस पर अमृतसर के डीसी केएस पन्नू ने छह अक्टूबर को फाजिल्का की ईको कैब जैसे 10 रिक्शा लांच किए हैं व सौ नए रिक्शा का आर्डर दे दिया गया है। साथ ही अमृतसर में भविष्य में बनने वाले सभी रिक्शों को उसी मॉडल के बनने की व्यवस्था लागू कर दी है।
अब फिर से माननीय उच्च न्यायालय ने सु मोटो एक्शन लेते हुए पटियाला के 15 और लुधियाना के 40 हजार रिक्शा चालकों के लिए भी फाजिल्का की ईको कैब जैसे रिक्शा अपनाने के लिए कहा है। साथ ही नए बनने वाले रिक्शा में पीने के लिए पानी, फर्स्ट एड बॉक्स, एफएम रेडियो तथा कूड़ादान आदि लगाने के लिए कहा गया है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों पर प्रशासन द्वारा अमल से पहले समाजसेवी संगठन इसके लिए आगे आ गए हैं। पटियाला में दी पटियाला फाउंडेशन और लुधियाना में गुरुनानक देव इंजीनियरिंग कालेज के प्रबंधन ने लुधियाना में ईको कैब लांच करने बारे फाजिल्का के ईको कैब निर्माताओं को बुलावा भेजा है। पटियाला में 15 अक्टूबर और लुधियाना में दीवाली के बाद ईको कैब प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा।
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