मेट्रोमैन श्रीधरन अब सिखाना चाहते हैं साइकिल की सवारी
शहरी परिवहन समिति के हैं अध्यक्ष, ‘शून्य प्रदूषण’ यातायात की सिफारिश
दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन अब शहरों को साइकिल की सवारी सिखाना चाहते हैं। योजना आयोग की ओर से शहरी परिवहन पर गठित श्रीधरन की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि वह ‘शून्य प्रदूषण’ यातायात को बढ़ावा दे और इसके लिए साइकिल और साइकिल रिक्शा का ऐसा ढांचागत आधार तैयार करे कि लोग इनके उपयोग के लिए आकर्षित हो। समिति ने कहा कि सरकार को अपने पैसे से यह ढांचागत आधार तैयार करना चाहिए जबकि इनके रखरखाव और संचालन के लिए समिति ने निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) का विकल्प सुझाया है। पंचवर्षीय योजना अवधि (2012-17) में शहरी परिवहन को लेकर दी गई रपट में समिति ने कहा है कि ऐसे सभी शहर जिनकी आबादी 2 लाख या अधिक है और सभी राज्यों की राजधानी में सरकार को शून्य प्रदूषण यातायात को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर सुरक्षित पैदल पथ के निर्माण के साथ साइकिल की सवारी को लोकप्रिय बनाना चाहिए। इसके लिए अलग साइकिल पथ भी बनाना चाहिए। समिति ने कहा है कि ऐसे शहर जिनकी आबादी 5 लाख या अधिक है वहां पर सूचना तकनीक से जुड़ साइकिल सवारी का तंत्र बनाना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह शहरों में अपने खर्च से न केवल साइकिल दे बल्कि जगह-जगह साइकिल स्टैंड भी बनाए। समिति ने कॉल पर साइकिल रिक्शा की भी वकालत करते हुए कहा है कि आईटी तंत्र से इन्हें जोडऩे से यह बेहतरीन परिवहन विकल्प हो सकता है। सभी शहरों में बने विशेष सेल समिति ने सभी शहरों और स्थानीय निकाय में मोटर रहित वाहन का एक विशेष सेल बनाने की भी सलाह दी है। साइकिल रिक्शा को प्रदूषण मुक्त परिवहन करार देते हुए समिति ने इसे रोजगार सृजन का भी एक बड़ा विकल्प करार देते हुए कहा है कि इसका नेटवर्क स्थापित करने के लिए सरकार को शत-प्रतिशत राशि खर्च करनी चाहिए।